मुहावरा
मुहावरा
- अंगूठा दिखाना- देने से इनकार करना
- आंसू पी जाना- दुख को छुपा लेना
- आंखें ठंडी होना- इच्छा पूरी होना
- आंख दिखाना- क्रोध प्रकट करना
- आंखों पर बिठाना- आदर करना
- आंख भर आना- आंसू आना
- आंखों में धूल डालना- धोखा देना
- आंखें लाल करना- क्रोध की नजर से देखना
- आंखों में खटकना- बुरा लगना
- आंख का अंधा गांठ का पूरा- मूर्ख धनवान
- आंखों की किरकिरी- होना शत्रु होना
- आंखों का प्यारा- बहुत प्यारा होना
- आंख चुराना- सामने आने से परहेज करना
- उंगली उठाना- निंदा होना
- पांचों उंगलियां घी में होना- सब प्रकार से लाभ ही लाभ
- सीधी उंगली से घी ना निकलना- भलमनसाहत से काम ना होना
- ओठ सूखना- प्यास लगना
- कलेजा निकाल कर रख देना- अति प्रिय वस्तु अर्पित कर देना
- कलेजा ठंडा होना- संतोष होना
- कान खोलना- सावधान करना
- कान पर जूं न रेंगना- बेखबर रहना
- अक्ल का दुश्मन- मूर्ख
- अक्ल चरने जाना- बुद्धि की कमी होना
- अपना उल्लू सीधा करना- बेवकूफ बना कर अपना काम निकालना
- अपने पांव में कुल्हाड़ी मारना- जानबूझकर आफत में पड़ना
- अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना- अपनी तारीफ अपने आप करना
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना- कल्पनाएं करना
- अपनी डफली अपने आप बजाना- अपने मन की करना
- अंधे की लकड़ी- एकमात्र सहारा
- अंधों में काना राजा- ज्ञानियों में अल्प ज्ञान वाले का सम्मान होना
- अंग टूटना- बहुत थक जाना
- अंग अंग फूले न समाना- अत्यधिक प्रसन्न होना
- अंधेर नगरी- जहां धांधली और अन्याय होता है
- अक्ल पर पत्थर पड़ना- बुद्धि भ्रष्ट होना
- अपना घर समझना- बिना संकोच व्यवहार करना
- अपने पैरों पर खड़ा होना- स्वावलंबी होना
- अड़चन डालना- बाधा उपस्थित करना
- आकाश पाताल एक करना- अत्यधिक परिश्रम करना
- आकाश के तारे तोड़ना- कठिन कार्य करना
- आग बबूला होना- अति क्रोध होना
- आग में घी डालना- झगड़ा बढ़ाना
- आग लगाकर तमाशा देखना- झगड़ा लगा कर उसमें आनंद लेना
- आग लगाकर पानी को दौड़ना- पहले झगड़ा लगाकर फिर उसे शांत करने का प्रयत्न करना
- आग लगने पर कुआं खोदना- पहले से करने के काम को एन वक्त पर करने चलाना
- आग में कूदना- खतरा मोल लेना
- आस्तीन का सांप- कपटी मित्र
- इधर-उधर करना- टालमटोल करना
- ईट से ईट बजाना- ईट का जवाब पत्थर से देना
- ईद का चांद होना- बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना
- ऊंचा सुनना- कम सुनना
- एक आंख से देखना- समान भाव रखना
- एक न चलना- कोई उपाय सफल ना होना
- ओखली में सिर देना- इच्छा पूर्वक किसी झंझट में फसना
- कलई खुलना- भेद प्रकट होना
- कलेजा फटना- दिल पर बेहद चोट पहुंचना
- कानों में तेल डाल कर बैठ जाना- बात सुनकर भी ध्यान ना देना।
- कान पकड़ना- प्रतिज्ञा करना।
- कानो कान खबर होना- बात फैलना।
- कान खड़े होना- होशियार होना।
- खून खौलना- गुस्सा चढ़ना।
- खून सवार होना- किसी को मार डालने के लिए तैयार होना।
- गाल फुलाना- रूठना।
- गर्दन उठाना- प्रतिवाद करना
- गर्दन पर सवार होना- पीछा ना छोड़ना
- दांत काटी रोटी- गहरी दोस्ती।
- दांत खट्टे करना- पस्त करना।
- दांतो तले उंगली दबाना- दंग रह जाना
- दांत गड़ाना- किसी वस्तु को पाने के लिए गहरी चाह करना।
- नाक कटना- इज्जत जाना।
- नाकों चने चबाना- खूब तंग करना।
- नाक में दम करना- तंग करना।
- नाक रखना- प्रतिष्ठा रखना।
- नाक रगड़ना- मिन्नत करना।
- मुंह खुलना- उद्दंडता पूर्वक बातें करना।
- मुंह बंद होना- चुप होना।
- मुंह में पानी भर आना- लालचना।
- मुंह से लार टपकना- बहुत लालची होना।
- मुंह काला होना- कलंक या दोष लगना
- मुंह मोड़ना- ध्यान ना देना।
- मुंह बनाना- असंतुष्ट होना।
- मुंह लगना- सिर चढ़ाना।
- मुंह चुराना- संकोच करना
- मुंह में लगाम ना होना- जो मुंह में आवे सो कह देना
- मुंह मीठा करना- प्रसन्न करना
- मुंह से फूल झड़ना- मधुर बोलना
- मुंह में घी शक्कर- किसी अच्छी भविष्यवाणी का अनुमोदन करना
- सिर ऊंचा करना- आदर का पात्र होना
- हाथ आना- अधिकार में आना
- हाथ खुजलाना- किसी को पीटने को जी चाहना
- हाथ बटाना- मदद करना
- हाथ लगाना- आरंभ करना
- हाथ मलना- पछताना
- हाथ गर्म करना- घूस देना
- हाथ धोकर पीछे पड़ना- जी जान से लग जाना
- अक्ल का दुश्मन- मूर्ख
- एक लाठी से सबको हांकना- उचित न्याय करना
- काला अक्षर भैंस बराबर- अनपढ़
- कौड़ी के मोल बिकना- बहुत सस्ता बिकना
- किताब का कीड़ा होना- बराबर पढ़ते रहना
- खरी खोटी सुनाना- भला बुरा कहना
- गुड गोबर करना- बनाया काम बिगड़ना
- गिरगिट की तरह रंग बदलना- एक बात पर ना रहना
- गागर में सागर भरना- अधिक बात थोड़े में कहना
- गड़े मुर्दे उखाड़ना- दबी हुई बात फिर से उभारना
- घर का ना घाट का- निकम्मा
- घात लगाना- मौके की तलाश में रहना
- घाट घाट का पानी पीना- अच्छे बुरे का अनुभव
- घोड़े बेचकर सोना- बेफिक्र होकर सोना
- चांद का टुकड़ा- बहुत सुंदर
- चार चांद लगाना- चौगुनी शोभा या इज्जत होना
- चोली दामन का साथ- काफी घनिष्ठता
- चुल्लू भर पानी में डूब मरना- अत्यंत लज्जित होना
- चार दिन की चांदनी- क्षणिक सुख चंपत हो जाना भाग जाना
- चकमा देना- धोखा देना
- छाती पर सांप लोटना - किसी के प्रति दाह
- छोटी मुंह बड़ी बात -योग्यता से बढ़कर बोलना
- तिल का ताड़ करना -छोटी बात को बड़ी बनाना
- नौ दो ग्यारह होना- भाग जाना
- नेकी और पूछ पूछ- बिना कहे ही भलाई करना
- पगड़ी उतारना- इज्जत उतारना
- पगड़ी रखना - मान रखना
- पानी पानी होना- अधिक लज्जित होना
- पानी पानी करना- लज्जित करना
- पगड़ी उतारना- इज्जत उतारना
- पगड़ी रखना - मान रखना
- पानी का बुलबुला- क्षणभंगुर वस्तु
- पानी में आग लगाना - असंभव कार्य करना
- पोल खुलना- रहस्य प्रकट होना
- पेट में चूहे कूदना - भूख से परेशान होना
- पीठ ठोकना - साहस बताना
- फूला न समाना - काफी खुश फूलना फलना उन्नति करना
- फब्तियां कसना- ताना मारना
- फूंक-फूंक कर कदम रखना - सावधान होकर काम करना
- बाग- बाग होना - खुश होना
- बात की धनी - वादे का पक्का
- बाएं हाथ का खेल- सरल होना
- बोलबाला होना - प्रसिद्ध होना
- भीगी बिल्ली बनना - लाचार होना
- भेड़िया धसान होना - देखी देखा करना
- भनक पड़ना -उड़ती हुई खबर सुनना
- मिट्टी के मोल बिकना- बहुत सस्ता होना
- मोम हो जाना - खूब नरम बन जाना
- मिट्टी में मिलना -नष्ट होना
- मन के लड्डू खाना -व्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना
- मैदान साफ होना- मार्ग में बाधा ना होना
- मिट्टी पलीद करना- जलील करना
- यस गाना- प्रशंसा करना
- युग युग- बहुत दिनों तक
- रफू चक्कर होना- भाग जाना
- लाले पड़ना - मोहताज होना
- लुटिया डुबोना- काम बिगाड़ना
- लंगोटिया यार - बचपन का दोस्त
- लोहे के चने चबाना- कठिन काम करना
- वचन देना- जबान देना
- शर्म से पानी -पानी होना - लज्जित होना
- शेखी बघारना- डीग हाकना
- श्री गणेश करना- आरंभ करना
- सिक्का जमाना - प्रभुत्व जमाना
- होश उड़ जाना - घबरा जाना
- हक्का-बक्का रह जाना- भौंचक रह जाना
- हड्डी पसली दुरुस्त करना - खूब मारना
- हथियार डाल देना- हार मान लेना
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